मंगलवार, 9 अगस्त 2016

गहरेबाजी

 इलाहाबाद धार्मिक नगरी के साथ -साथ उत्सवों को मनाने वाला शहर भी है ,यहाँ समय -समय पर अनेकों आयोजन होते रहते है उनमें से एक गहरेबाजी भी एक है ,लोग अपने घोड़ों- तांगे के साथ सावन के प्रत्येक सोमवार को रेस करते है , विजेता घोड़े को सम्मानित कर इस परम्परा को घोड़े प्रेमी इसमें भाग लेते है | हम छायाकारों को इस अवसर पर इनकी रेस देखने और इनका छायांकन का सुख मिलता है | प्रशासन को भी इस परम्परा को निर्वाह करने में अपना योगदान देना चाहिए | यातायात खुला रहने से दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है | आशा करता हूँ कि ये परम्परा अनवरत चलती रहेगी और प्रशासन का सहयोग मिलता रहेगा |