मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

इलाहाबाद के उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र सभागार में आयोजित रागा रंग मंडल पटना (बिहार ) नाट्य संस्था की नाट्य प्रस्तुति आउटकास्ट के कुछ छायाचित्र ...

आधारशिला के नाट्य उत्सव में हुई 
अक्करमाशी की यादगार प्रस्तुत
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में आयोजित आधारशिला के तीन दिवसीय नाट्य उत्सव मैं तीसरे दिन पटना बिहार की रंग संस्था राग-रंग मंडल ने शरण कुमार लिंबाले की आत्म कथा पर आधारित नाटक अक्करमाशी की मर्मस्पर्शी प्रस्तुति की दलितों के शोषण को रेखांकित करती यह नाट्य प्रस्तुति का दर्शकों ने स्वागत किया और तमाम घटनाओं के माध्यम से बनाए गए प्रतीकात्मक कोलाज को सहजता से स्वीकार किया इसमें कोई संदेह नहीं कि इस तरह की विषय वस्तु को केवल नाटक ही जोरदार ढंग से उठा रहे है और दलितों को संघर्ष के लिए तैयार कर रहा है प्रस्तुति में सभी कलाकारों ने सशक्त अभिनय किया यह कैसी प्रस्तुति थी जो बहुत दिनों तक नाटक प्रेमियों के दिलों में जगह बनाई रहेगी शरण कुमार लिंबाले कि यह आत्म कथा साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा पुरस्कृत की जा चुकी है दरअसल यह रचना भूख का महाकाव्य है जो इशारा करता है की भूख के कारण दलित होने क्या क्या समझौते नहीं किए और उन पर कितने अत्याचार सवर्णों ने किए यह एक यादगार प्रस्तुति रही ।
समीक्षक अजामिल
सभी चित्र विकास चौहान

पिछले दिनों हमने इलाहाबाद की जानी-मानी नाट्यसंस्था आधारशिला का तीन दिवसीय नाट्य उत्सव देखा ,तीनो ही दिन बहुत ही शानदार नाटक हुए नाटकों में समकालीन विषय वस्तु को न सिर्फ समाहित किया गया बल्कि उसकी प्रस्तुति में उसके समाधान को खोजने की भी कोशिश की गई मुझे इस बात का बहुत दुख है कि इलाहाबाद के प्रबुद्ध नागरिक एक बंदर का नाच देखने में रुचि रखते हैं सड़क किनारे खड़े होकर घंटों मजमा देख सकते लेकिन दुख होता है कि नाटक देखने के लिए यह नागरिक नहीं जाते नाटक को प्रोत्साहित करने का अर्थ होता है कि आप अपने देश की संस्कृति और परंपराओं को परोक्ष रूप से संरक्षण दे रहे हैं ,हर परिवार को नाटक देखने के लिए जरूर जाना चाहिए यदि वह चाहता है कि उसका अपना परिवार संस्कारित हो इस नाट्य उत्सव में दर्शकों की संख्या जरूर कम रही लेकिन यह सुखद रहा कि जो भी दर्शक नाटक देखने के लिए आए उन्होंने इन नाटकों का भरपूर स्वागत किया ,इन नाटकों ने दर्शकों का मनोरंजन तो किया ही मुझे सोचने के लिए बहुत कुछ किया मेरा आपसे आग्रह है याद नाटक देखने के लिए जरूर जाए नाटक बड़ी मेहनत से तैयार किए जाते हैं इन्हें देख कर आपको बहुत अच्छा लगेगा,कलाकार नाटक के पीछे कितना परिश्रम करते हैं ,