पिछले दिनों हमने इलाहाबाद की जानी-मानी नाट्यसंस्था आधारशिला का तीन दिवसीय नाट्य उत्सव देखा ,तीनो ही दिन बहुत ही शानदार नाटक हुए नाटकों में समकालीन विषय वस्तु को न सिर्फ समाहित किया गया बल्कि उसकी प्रस्तुति में उसके समाधान को खोजने की भी कोशिश की गई मुझे इस बात का बहुत दुख है कि इलाहाबाद के प्रबुद्ध नागरिक एक बंदर का नाच देखने में रुचि रखते हैं सड़क किनारे खड़े होकर घंटों मजमा देख सकते लेकिन दुख होता है कि नाटक देखने के लिए यह नागरिक नहीं जाते नाटक को प्रोत्साहित करने का अर्थ होता है कि आप अपने देश की संस्कृति और परंपराओं को परोक्ष रूप से संरक्षण दे रहे हैं ,हर परिवार को नाटक देखने के लिए जरूर जाना चाहिए यदि वह चाहता है कि उसका अपना परिवार संस्कारित हो इस नाट्य उत्सव में दर्शकों की संख्या जरूर कम रही लेकिन यह सुखद रहा कि जो भी दर्शक नाटक देखने के लिए आए उन्होंने इन नाटकों का भरपूर स्वागत किया ,इन नाटकों ने दर्शकों का मनोरंजन तो किया ही मुझे सोचने के लिए बहुत कुछ किया मेरा आपसे आग्रह है याद नाटक देखने के लिए जरूर जाए नाटक बड़ी मेहनत से तैयार किए जाते हैं इन्हें देख कर आपको बहुत अच्छा लगेगा,कलाकार नाटक के पीछे कितना परिश्रम करते हैं , |