शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

*किस्से परसाई के की शानदार प्रस्तुति

*किस्से परसाई के की शानदार प्रस्तुति 
विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान और संस्कार भारती द्वारा आयोजित नाट्य महोत्सव की चतुर्थ प्रस्तुति ' किस्से परसाई के ' में समाज में व्याप्त विसंगतियों को बाखूबी उजागर किया गया । ये एक व्यंग नाटक है लेकिन इसमें हास्य पैदा करने की कोशिश में कलाकारों ने इतनी उछल कूद की क़ि नाटक का मूल कथ्य कमोबेश हाशिये पर खिसक गया और व्यंग की जगह हास्यास्पद हास्य की सृष्टि हुई । ये अलग बात है क़ि दर्शकों को नाटक ने खूब हँसाया । सभी कलाकारों ने जम कर अभिनय किया । नाटक अंत तक सबको बांधे रहा । नाटक के निर्देशक सुदेश शर्मा ने कई कंपजिशन बहुत अच्छे बनाये । संगीत लाऊड था जिसके कारण संवाद अंडर टोन रहे । पर एक बात अवश्य रही ।ऐसे नाटक ही दर्शक बनाते हैं । नाटक बिराद्र्री के लोग चूँकि सिर्फ अपने ही नाटक देखते सराहते हैं इसलिए इस नाटक में भी दर्शक रंगकर्मियों का अभाव रहा । पर दर्शक मज़े के थे और बाकायदा शानदार रिस्पॉन्स कर रहे था । * कला समीक्षक : अजामिल
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छायांकन : विकास चौहान